Detailed Notes on hindi kahani short
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दोनों मित्र में विनोदपूर्ण कहा सुनी हुई. आश्रम में आकर श्रीकृष्ण ने गुरुमाता से इसकी शिकायत भी की.
किन्तु दूसरा सिंह अपने दुर्ग में बैठा हैं, दुर्ग से बाहर आकर उसने हमारा रास्ता रोका था.
लेकिन जब हम चोरी करते है, तब हमारी अंतरात्मा तो सब देखती है, हम खुद से उसे छिपा नही सकते.
समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ
तीनों में से सबसे बुद्धिमान मछली ने एक अलग तालाब खोजने की योजना बनाई। बाकि बची दो मछलियों में से एक ने सहमति व्यक्त की, पर दूसरे ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह तालाब उनका घर है और वह इसे छोड़कर नहीं जाएगी। फिर उसने आगे कहा “आज तक इस तालाब में कभी कोई खतरा नहीं था। मुझे नहीं लगता कि हमें यह तालाब छोड़कर जाने की जरुरत है, और छोड़कर जाना कायरता होगी। ”
एक तालाब में तीन मछलियाँ रहती थीं। वे काफी अच्छे दोस्त थे और सब कुछ एक साथ किया करते थे।
इतने में कुछ बच्चे और गुरुजी दौड़ते हुए आए. शीला के साहस की बात चारों और फ़ैल गईं. सभी ने उसकी प्रशंसा की.
माँ को लगा इस तरह उमा नही मानने वाली हैं उन्हें उपाय सुझा की किसी तरह इसे दुःख पहुचा कर उनकी गलतियों का एहसास कराया जाए.
आप दोनों ही कल मेरे यहाँ भोजन पर आमंत्रित हो. भोजन के बाद बताउगा की कौन बुद्धि में श्रेष्ट हैं.
देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.
वह मनीषा के पास पहुची और उसका हाथ पकड लिया. शीला उसे खीचकर किनारे ले आई. वह थक कर गिर पड़ी.
दोनों संदीपन गुरु के आश्रम में पढ़ते थे. दोनों में प्रगाढ़ मित्रता थी. एक बार गुरुमाता ने उनको वन से लकड़ी लाने भेजा.
तीसरा- पर मुझे तो प्यास बुझाने के लिए कुछ चाहिए.
भले ही इसके लिए चोरी का रास्ता क्यों न चुनना पड़े. लेकिन सभी को एक शर्त का पालन करना होगा, शर्त यह है कि किसी भी शिष्य को चोरी करते हुए कोई देख न सके.